उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य आमने-सामने हैं. दरअसल, पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीजेपी (BJP) सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जिसके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उनपर जबरदस्त पलटवार किया है.
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. मिशन कायाकल्प के नाम पर करोड़ों और अरबों रूपए फूंकने के बाद भी सरकारी स्कूलों के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. तमाम स्कूल जर्जर भवनों से चल रहे हैं. शिक्षकों का पद खाली है. बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री केवल वादों के सहारे अपने दिन बिता रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी सरकार परिषदीय स्कूलों में बच्चों के हित में कोई भी व्यवस्था करने में नाकाम रही है. बच्चों को यूनिफार्म, जूता-मोजे मुहैया कराने में बहुत लापरवाही बरती गई. अभी तक बच्चों को सभी इस स्कूलों में किताबें नहीं बट पाई है. लाखों बच्चे बिना किताब पढ़ाई करने को मजबूर है. बच्चों के खेलकूद के लिए मैदान नहीं है.”
अखिलेश यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “कानून व्यवस्था,शिक्षा पर सपा को बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है! यूपी की छवि को सपा सरकार के समय पूरे विश्व में खराब हुई थी. महिला अपराधों सपा नेताओं के बयान सभ्य समाज को शर्मिंदा करते थे. नकल को वैधता प्रदान की, भर्तियों में रिकॉर्ड भ्रष्टाचार, कभी भुलाया नहीं जा सकता है!”
इससे पहले सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार अब यूपी के 11 हजार प्राथमिक विद्यालयों में भी पीपीपी मॉडल पर अपने चहेते पूंजीपतियों को देने की योजना बना रही है. गरीब बच्चे कहां पढ़ेंगे? इसकी चिंता सरकार को नहीं है.