उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में एक अजीबोगरीब मामला सामना आया है. एक शख्स रोजी-रोटी की तलाश में 25 साल पहले घर छोड़कर निकला था. उसका परिजनों ने 16 साल पहले ही मृत मानकर अंतिम संस्कार कर दिया था. वह अचानक ही अपने घर लौट आया. मामला मुगलसराय कोतवाली के लेडुआपार गांव का है. रामकिशुन को जीवित देखकर घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिजन और पड़ोसियों में खुशी की लहर दौड़ गई. लोगों ने मिठाई खिलाकर खुशी जताई.
यह कहानी है मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के लेडुआपार निवासी रामकिशुन की. रामकिशन का पूरा परिवार जो खुशी से झूम रहा है, सबके चेहरे पर मुस्कान है और हो भी क्यों न क्योंकि रामकिशुन आज उनके बीच मौजूद है. रामकिशुन करीब 25 साल पहले रोजी-रोटी की तलाश में सोनभद्र जिले के ओबरा पहुंचा था. वहां से वे मुंबई चले गए. इस दौरान परिजनों से उनका संपर्क टूट गया.
परिजनों ने उनकी काफी खोजबीन की लेकिन वह नहीं मिले. इसके बाद परिवारवालों ने 16 साल पूर्व रामकिशुन को मृत मानकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया. जब रामकिशुन 25 साल बाद अपने घर वापस आये तो रामकिशुन की पत्नी जयमूर्त देवी को भरोसा ही नहीं हुआ. उन्होंने बताया, ‘हमारी चार बेटियां हैं. चारों की शादी हो चुकी है. सब अपने घर पर खुशी-खुशी रह रही हैं.’ रामकिशुन का परिवार सामान्य है.
रामकिशुन के पड़ोसी सिकंदर गिरी का कहना है कि 25 साल पहले रामकिशुन काम के सिलसिले में ओबरा चले गए थे. वहां से वे फिर मुंबई चले गए. बहुत खोजबीन किया गया. मगर उनका कोई पता नहीं चला. अंत में सबने उनका अंतिम संस्कार कर दिया. उन्होंने बताया कि जब ये वापस आये तो जो पुराने लोग थे इनको पहचान गए और कुछ लोगों ने तो इनके बताने पर कि वह रामकिशुन हैं, तब जाकर पहचान सके.